अजीब हाल है देश का । एक मुद्दा ठंडा होता नही कि दूसरा पैदा हो जाता है । लगता है मुद्दे भी बरसों से मोदी जी का सत्ता मे आने का इंतजार कर रहे थे । लेकिन न्यूज चैनलों और उनमें आने वाले चेहरों की चांदी । चैनलों की टी.आर.पी. बढी और चेहरों को प्रचार व पैसा ।
बहरहाल अब क्रिकेट पर कोहराम मचा है । पाकिस्तान बेचारे की गरीबी को देख कर भारत मे कुछ लोग तरस खा रहे हैं । उनके विचार से थोडा बहुत खेल कर कमा लेंगे तो भारत को दुआ देंगे । वैसे भी क्रिकेट के मामले मे हमारी अमीरी और उनकी फटेहाली जगजाहिर है । लेकिन देशभक्त बिल्कुल अडे हुए हैं । उनका मानना है कि पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड कंगाल होता है तो हो जाए । उनके खिलाडी भूखे मरते हैं मरें । भारत ने ठेका तो ले नही रखा है । अगर अपनी कंगाली से उबरना है और भारत के साथ खेलना है तो सीमा पर रोज रोज की पटाखेबाजी बंद करे और जिन सिरफिरों को सीमा पार करवाता है उन्हें भी रोके ।
अब बेचारी सरकार बन गई है सैंड्विच । 56 इंच के सीने मे कहीं कोई नरमी न आ जाए इसलिए मुंबई धमाकों और सीमा मे शहीद हुए लोगों की याद दिलाई जा रही है । स्लो मोशन मे आतंकी धमाकों मे मरने वाले लोगों की तस्वीरों को दिखा दिखा कर चैनलों ने पूरा भावुकता का माहौल बनाया हुआ है । रही सही कसर पूरी कर रहे हैं रिटायर हुए फौजी जनरल । टी.वी. मे बहस के दौरान उनके तेवर देख कर खूबसूरत एंकर और सरकार दोनो को पसीना आ रहा है ।
देखने वाली बात तो यह है कि सोशल मीडिया मे भी कुछ इस तरह से शब्द और फोटो परोसे जा रहे हैं मानो कहना चाहते हों – ‘ कसम है तुम्हे भारत सरकार उन शहीद हुए सैनिकों और मासूम नागरिकों की जो या तो आतंक मे मारे गये या फिर सीमा पर जो तुमने पाकिस्तान को हरी झंडी दी । ‘
दूसरी तरफ एक छोटा सा वर्ग ऐसा भी है जो मानो कहना चाहता हो कि अरे भाई खेल ही तो है । इसे राजनीति और दुश्मनी से दूर रखो । लेकिन वह भी कहने मे हिचकिचा रहे हैं कि कहीं बैठे बिठाये आमीर खान जैसी दुर्गत न हो जाए ।
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments