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भारतीय जनमानस की यह कैसी सोच है

यात्रा
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ईवन नियम की सफलता पर केजरीवाल भाषण दे रहे थे तभी एक युवती भीड से निकल कर आई और मंच के नीचे से ही उन पर स्याही फेंक दी । ऐसा पहली बार नही हुआ । पहले भी स्याही फेंकने के मामले सामने आये हैं । यहां गौरतलब यह भी है राजनीति मे आम आदमी पार्टी के उदय के साथ ही ऐसी घटनाएं होती रही हैं । इसका दुखद पहलू यह भी है कि राजनीतिक विरोध की इस शैली का जो विरोध होना चाहिए वह कहीं दिखाई नही देता । बल्कि इसे एक मनोरंजक घटना के तौर मे ले लिया जाता है । इस घटना को गहराई से देखें तो कई और सवाल भी उठते हैं ।

चरित्रहीनपाखंडी और अपराधी नेता रहे हैं । ऐसे भी जिन्होने जानवर के चारे से लेकर कोयला तक खाने मे कोई परहेज नही किया । चरित्र इतना महान कि अपने से आधी उम्र की लडकियों को गर्भवती बनाने मे भी पीछे नही रहे । जब मामला सामने आया तो उनकी हत्या करवाने मे भी कोई संकोच नही ।

संसद के मंदिर मे मोबाइल मे पोर्न देखने मे भी कोई संस्कार आडे नही आए । यही नही ह्त्या कराने मे भी एक से बढ कर रिकार्डधारी नेता भारतीय राजनीति के क्षितिज मे हमेशा चमकते रहे और आज भी चमक रहे हैं । अपने ही चुनावी घोषणा पत्रों को सत्ता मिल जाने के बाद कूडे की टोकरी मे फेक सत्ता सुख भोगने वाले कल भी थे और आज भी ।दूसरे राज्यों मे भी कोई दूध के धुले नही हैं और न ही वहां रामराज है । लेकिन इतनी गालियांइतनी आलोचना तो शायद ही किसी को सुननी पडी हो जितनी केजरीवाल जी को ।

इतना ही नहीभारतीय राजनीति मे नेताओं की हनकरूतबा और सुरक्षा इतनी कि मुख्यमंत्री तो बहुत दूर पिद्दी भर के किसी मंत्री के आसपास भी आम आदमी पहुंच नही पाता ।इनके सुरक्षाकर्मियों की मार न खानी पडे इतना ही बहुत है । कभी कधार तो इनके काफिले सडक चलते आम आदमी को कुचलते हुए आगे बढ जाते हैं ।और कोई कुछ नही कर पाता । लेकिन यहां तो एक मुख्यमंत्री के मुंह मे स्याही फेंक कर चलते बन रहे हैं ।

कोई शिकायत नही । ?

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